काल सर्प दोष एक ज्योतिषीय स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। इसे एक अशुभ योग माना जाता है और यह व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे मानसिक तनाव, आर्थिक कठिनाइयाँ, स्वास्थ्य समस्याएं आदि।
काल सर्प दोष के निवारण के उपाय :
1: शिवलिंग पर अभिषेक: रोजाना शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाना लाभकारी होता है। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और दोष का प्रभाव कम होता है।
2:महामृत्युंजय मंत्र का जाप: नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
3:हनुमान चालीसा का पाठ: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी इस दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह उपाय विशेष रूप से मंगलवार के दिन करना लाभकारी होता है।
4:नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करना: किसी पवित्र नदी में चांदी या तांबे से बना नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करना भी एक प्रभावी उपाय माना जाता है।
5:पक्षियों को जौ के दाने खिलाना: सवा महीने तक हर दिन सुबह उठने के बाद पक्षियों को जौ के दाने खिलाने से विशेष लाभ मिलता है।
6:रुद्राभिषेक: प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है। इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इन उपायों को नियमित रूप से करने से काल सर्प दोष के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।