- मार्गशीर्ष माह को भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अपना प्रिय महीना बताया है। इसे अत्यधिक पवित्र माना जाता है।
- इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
- कई स्थानों पर इस दिन दत्तात्रेय जयंती भी मनाई जाती है, जो भगवान दत्तात्रेय के जन्मोत्सव का प्रतीक है।
- आध्यात्मिक महत्व:
- इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- इसे मोक्ष प्राप्ति और पापों के नाश का दिन माना जाता है।
कृषि और सांस्कृतिक महत्व:
यह दिन नई फसल के स्वागत का प्रतीक है। किसान नई फसल का अर्पण भगवान को करते हैं।
इस दिन उपवास का महत्व:
- शारीरिक और मानसिक शुद्धि:
- उपवास शरीर को शुद्ध करता है और मन को एकाग्रता प्रदान करता है।
- आध्यात्मिक लाभ:
- उपवास से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसे आत्म-संयम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
- पुण्य लाभ:
- मान्यता है कि इस दिन उपवास करने से पापों का नाश होता है और पिछले जन्मों के कष्ट समाप्त होते हैं।
- दान-पुण्य और व्रत करने से विशेष पुण्य मिलता है।
क्या करें इस दिन:
- सुबह जल्दी उठकर गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें।
- भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें।
- व्रत रखें और दिन भर सात्विक आहार ग्रहण करें।
- जरूरतमंदों को दान करें, जैसे अन्न, वस्त्र, और धन।
इस प्रकार मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन उपवास, पूजा और दान के लिए अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है।