मास्टरमाइंड और योजना
अमित आनंद को इस घोटाले का मुख्य मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वह परीक्षा के एक दिन पहले ही पेपर लीक की योजना बना चुका था
घोटाले की प्रकृति
घोटाले में उम्मीदवारों ने केवल उन सवालों के उत्तर भरे, जिनके बारे में वे निश्चित थे। बाकी उत्तर पेपर समाप्त होने के बाद संबंधित शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा भरे गए। इसमें उत्तर कुंजी का उपयोग किया गया, जो कोचिंग संस्थानों से प्राप्त की गई थी
मुख्य स्थान और संलिप्त व्यक्ति
गुजरात के गोधरा स्थित जय जालाराम स्कूल में यह घोटाला सामने आया। इस स्कूल के शिक्षक तुषार भट्ट और प्रिंसिपल के अलावा वडोदरा स्थित कंसल्टेंट परशुराम रॉय भी इस घोटाले में संलिप्त थे। पुलिस ने इनसे कई ब्लैंक चेक बरामद किए हैं
घोटाले का कई राज्यों तक फैलाव
इस घोटाले के तार विभिन्न राज्यों तक फैले हुए हैं, जिसमें प्रमुख रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा शामिल हैं। गोधरा के मामले में स्थानीय 27 उम्मीदवार शामिल थे, जिनमें से कुछ दूरदराज के राज्यों से भी थे
जाँच और प्रशासनिक हस्तक्षेप
इस घोटाले की जांच गोधरा के जिला कलेक्टर ने सूचना मिलने पर तुरंत की। इसके बाद इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को भी शामिल किया गया
परीक्षा परिणाम और आगे की कार्रवाई
जब परिणाम घोषित हुए, तो घोटाले में शामिल 27 उम्मीदवारों में से केवल 2 ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, जबकि बाकी को कम अंक मिले
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि नीट घोटाले ने परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और इसमें शामिल विभिन्न राज्य और व्यक्ति इस जाल में फंसे हुए हैं।