रामायण, जो भगवान राम के जीवन और आदर्शों का वर्णन करती है, केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। यह महाकाव्य दुनिया के विभिन्न देशों में समय और संस्कृति के अनुसार कई रूपों में प्रचलित है। अलग-अलग भाषाओं, परंपराओं और दृष्टिकोणों के कारण, रामायण की हजारों विविधताएँ पाई जाती हैं।
दुनिया में प्रमुख रामायणों की संख्या और विविधताएँ:
- भारतीय रामायण:
- वाल्मीकि रामायण:
सबसे पुरानी और मूल रामायण, जिसमें सात कांड (अध्याय) हैं। - अध्यात्म रामायण:
अद्वैत वेदांत और भक्ति का संगम। - तुलसीदास की रामचरितमानस:
अवधी भाषा में लिखी गई, इसे उत्तर भारत में अधिक लोकप्रियता मिली। - कंबन रामायण (तमिल):
दक्षिण भारत में तमिल में रचित प्रमुख रामायण। - कृतिवास रामायण (बंगाली):
बंगाल की क्षेत्रीय रामायण। - गुजराती, मलयालम, कन्नड़, और अन्य भाषाओं में क्षेत्रीय रामायणें।
- वाल्मीकि रामायण:
- दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में रामायण:
- रामकेर्ति (थाईलैंड):
इसे “रामाकियन” भी कहते हैं। यह थाई संस्कृति में रचा-बसा है। - हिकायत सेरी राम (मलेशिया):
मलेशिया में इस्लाम और स्थानीय परंपराओं के साथ विकसित रामायण। - फिलीपींस:
मरानाओ जनजाति में “महरादिया लावना” नामक रामायण का संस्करण है। - काकाविन रामायण (इंडोनेशिया):
इंडोनेशिया की जावा संस्कृति में लिखी गई रामायण। - लाओ रामायण (लाओस):
लाओस में इसे “फ्रा लाक फ्रा लाम” कहा जाता है। - म्यांमार:
“यामा जाटक” बौद्ध दृष्टिकोण से लिखी गई है।
- रामकेर्ति (थाईलैंड):
- बौद्ध और जैन रामायण:
- दशरथ जातक (बौद्ध रामायण):
भगवान राम को बोधिसत्व के रूप में प्रस्तुत किया गया है। - जैन रामायण:
जैन परंपरा में रामायण का विशेष उल्लेख मिलता है, जहाँ लक्ष्मण को नायक और रावण को भी मोक्ष प्राप्त करने वाला माना गया है।
- दशरथ जातक (बौद्ध रामायण):
- पश्चिमी और आधुनिक रामायणें:
- एशियाई प्रवासियों के साथ अन्य देशों में रामायण का प्रसार।
- आधुनिक लेखकों ने रामायण को उपन्यास, नाटक और फिल्मों के रूप में प्रस्तुत किया है।
- कुल अनुमान:
विशेषज्ञों का मानना है कि विश्वभर में रामायण की 300 से अधिक प्रमुख और हजारों छोटी क्षेत्रीय विविधताएँ मौजूद हैं। हर संस्करण में स्थानीय भाषा, संस्कृति और परंपराओं का प्रभाव देखने को मिलता है।
रामायण का यह वैश्विक प्रभाव इसे न केवल एक धार्मिक ग्रंथ बल्कि एक सार्वभौमिक जीवन दर्शन का प्रतीक बनाता है।